देश ही नहीं प्लास्टिक की समस्या पूरी दुनिया के लिए बहुत बड़ी है। जिस तरह से प्लास्टिक का उपयोग पूरी दुनिया भर में तेजी से फैल रहा है यह पर्यावरण के साथ-साथ हेल्थ के लिए काफी नुकसानदायक है। आज कैरी बैग से लेकर के पानी की बोतल सभी प्लास्टिक के ही होते हैं।
अगर बात की जाए पानी की बोतल की तो पूरी दुनिया भर में प्रतिदिन 1.3 अरब प्लास्टिक की बोतल बेची जाती है इतनी मात्रा में प्लास्टिक का उपयोग होना काफी नुकसान दायक है। जितनी मात्रा में प्लास्टिक का उपयोग प्रतिदिन किया जाता है उसका मात्र 9 फीसदी ही प्लास्टिक का रिसाइकिल किया जाता है और बचे प्लास्टिक के कचड़े को नदी नालों में फेंक दिया जाता है जो का पर्यावरण के लिए काफी नुकसान दायक होता है। आज मैं आपको एक 12 साल के बच्ची के बारे में बता रहे हैं जिसने इस प्लास्टिक जैसी समस्या से निजात दिलाई है। इस बच्ची ने अपने खोज से एक ऐसी बोतल बनाया है जिसमें पानी पीने के बाद आप उस बोतल को खा सकते हैं। आईए जानते हैं इस बच्ची की अनोखी खोज के बारे में।
12 साल की मेडिसन चेकेट्स (Medison Checketts):-
12 साल की मेडिसन चेकेट्स (Medison Checketts) जब अपने पूरे परिवार के साथ कैलिफ़ोर्निया घूमने गई तो उन्होंने देखा कि समुद्र के किनारे प्लास्टिक की काफी सारी बोतल ठेका हुआ है जिसके बाद इनके मन में विचार आया कि इस तरह से पर्यावरण को दूषित करना ठीक नहीं है जिसके बाद इन्होंने इस समस्या से छुटकारा दिलाने के लिए इनके दिमाग ने एक बेहतरीन सुझाव आया। इन्होंने सोंचा कि एक ऐसी बोतल बनाई जाए जो पानी पीने के बाद उस बोतल को खाया जा सके। दिमाग में आईडिया आते ही यह 12 साल की बच्ची इस काम में पूरी लगन के साथ जुट गई और Edible Water Bottle बनाना शुरु कर दिया।

इस प्रोजेक्ट पर काम करना शुरु किया
मेडिसन चेकेट्स (Medison Checketts) ने अमेरिका के उटा स्कूल के साइंस फेयर के इसी को बोतल पर काम करना शुरु किया। इन्होंने इस बोतल को बनाने के लिए शोध किया और रिवर्स स्फेयरिफिकेशन प्रक्रिया के बारे में जानकारी एकत्रित की जिसके बाद उन्हें पता चला कि इस शोध के अनुसार बोतल बनाने से तरल पदार्थ को जेल मेंब्रेन में रखा जा सकता है और उसे खाया भी जा सकता है। इस बायोडिग्रेडेबल पाउच को फेंक भी सकते हैं जिससे पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं पहुंचता है।
इस तरह बनी इको फ्रेंडली बोतल
इस बच्ची ने इको फ्रेंडली बोतल के लिए केल्सियम लैक्टेट, सोडियम अल्जिनेट, पानी, छत जैनथन गम, लेमन जूस को मिलाकर जेल पाउच बनाया जाता है। इस जेल पाउच का इस्तेमाल करने के लिए इसे दांतो से काटकर इसमें छेद मनाया जाता है जिसके बाद आप आसानी से पानी पी सकते हैं और पानी पीने के बाद इसे खा सकते हैं। इस जेल पाउच में तीन से चार कप पानी आसानी से आ जाता है। इस फ्रेंडली बोतल को तीन हफ्तों तक फ्रीज में रखा जा सकता है। इस इको फ्रेंडली बोतल का नाम इको-हीरो दीया गया है।
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युवा साइंटिस्ट को किया गया सम्मानित

इस 12 साल के युवा बच्ची मेडिसन चेकेट्स (Medison Checketts) को फाइनल में इन्हें $500 देकर सम्मानित किया गया। इसके साथ-साथ इस कंपटीशन में भाग लिए गए 14 साल के थॉमस एलडस ने प्रथम स्थान हासिल किया। थॉमस ने एक ऐसा प्रोजेक्ट पर काम किया है जो प्राकृतिक आपदा या खतरनाक स्थिति में उपयोग किया जा सके। इन्होंने एक रोबोटिक हाथ बनाया है जो पूरी दुनिया में प्राकृतिक आपदा आने पर इसका इस्तेमाल किया जा सके।