हमारा देश भारत एक कृषि प्रधान देश है। यहां की अर्थव्यवस्था कृषि पर ही आधारित है। यहां के किसान अपने हुनर से अनेकों प्रकार से खेती कर लाखों रुपए की आमदनी कर रहे हैं। आजकल के युवा का भी ध्यान खेती की तरफ ही आकर्षित हो रहा है। यहां तक कि लोग रसायनिक खेती को छोड़कर प्राकृतिक खेती पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं।
जैविक खेती करने से किसानों के साथ-साथ लोगों को भी बहुत फायदे हैं। जैविक खेती से उपजाये गए फसल से स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है। रासायनिक खाद में जितना खर्च होता है उतना ही खर्च जैविक खाद से फसल उपजाने में होता है। आज हम आपको एक ऐसे किसान के बारे में बताएंगे जिन्होंने नौकरी छोड़कर प्राकृतिक खेती करके और उसमें मात्र 2 हजार रुपए की लागत से 1.30 लाख रुपए की मुनाफा कमाए।
सफल किसान बचित्र सिंह
बचित्र सिंह हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिला के निवासी हैं। वह लगभग 30 सालों से एक प्राइवेट स्कूल में नौकरी करते थे। स्कूल में नौकरी करने के दौरान यह अपने खेतों में भी फसल उगाते थे। जिससे इनका और इनके परिवार का जीवन-यापन चलता रहे। बचित्र सिंह को दिमाग में आया कि वह अपने खेतों में प्राकृतिक तरीके से खेती करेंगे इसके लिए उन्होंने 2 साल पहले प्राकृतिक तरीके से खेती करनी शुरू कर दी। जब बचित्र सिंह जैविक तरीके से खेती किए तो यह पहले की तरह इस बार काफी अच्छा उपज हुआ। जैविक तरीके से खेती करने के परिणाम को देखकर बचित्र सिंह ने सोंच लिया कि वे अब प्राकृतिक खेती ही करेंगे। इसके बाद इन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी और प्राकृतिक खेती करने में जुट गए।
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झांसी से ली प्राकृतिक खेती की ट्रेनिंग
बचित्र सिंह ने देखा कि रासायनिक तरीके से खेती करने में जितना खर्च आता है उतना ही खर्च जैविक तरीके से खेती करने में आता है इसीलिए उन्होंने जैविक तरीके से खेती करने के लिए कृषि के कुछ अधिकारियों से संपर्क किया। इसके बाद वह कृषि विभाग के तरफ से उत्तर प्रदेश के झांसी में जाकर जैविक खेती करने के लिए 6 दिनों की ट्रेनिंग की इस ट्रेनिंग में इन्होंने सारे गुण जैविक खेती के सिख लिए। जिसके बाद वह अपने घर वापस आ गए और अपने खेतों में जैविक खेती करनी शुरू कर दी।
करते है मिश्रित खेती
बचित्र सिंह अपने खेतों में मिश्रित खेती करते हैं जिससे उनकी कमाई दुगुनी हो जाती है। वह अपने खेतों में सोयाबीन, गेहूं, चना, मटर के साथ-साथ बैगन, तोरी, राजमा का भी उत्पादन करते हैं। इसके साथ-साथ अन्य किसानों को प्राकृतिक खेती करने की सलाह भी देते हैं और इससे जुड़ी जानकारी भी अपने खेतों पर ले जाकर देते हैं। इतना ही नहीं बचित्र सिंह ने हिमाचल प्रदेश के कृषि विभाग के मदद से अपना एक संसाधन भंडार भी खोल रखा है जहां किसानों को जीवमृत, धनजीवामृत, गोबर गोमूत्र जैसे चीजें उपलब्ध कराते हैं।
दो हजार की लागत से 1.30 लाख की कमाई
बचित्र सिंह बताते हैं कि जैविक खेती करने में काफी फायदा होता है। जैविक खेती में लागत कम और मुनाफा ज्यादा मिलता है। इसमें वे मात्र 2000 रुपए की लागत से 1.30 लाख की कमाई कर रहे हैं और वहीं रसायनिक खेती में 60000 रुपए की लागत में मात्र 2.15 लाख की ही कमाई होती है। वह कहते हैं कि सरकार की प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना किसानों के लिए काफी अच्छा है और यह खेतों में फसल की अच्छी उपज के लिए एक बहुत बड़ा कदम है।