हर किसी इन्सान का जीवन सरल नहीं होता है, जिंदगी में ऐसे कई पड़ावों से गुजरना पड़ता है जहां इन्सान खुद को एकदम अकेला और हारा हुआ समझता है। लेकिन कहते हैं न जिंदगी जीने का नाम है, जीवन की मुश्किल घड़ी में भी जो अपना हौसला नहीं खोता और धैर्यपूर्वक काम करता है वास्तव में वही इन्सान चुनौतियों का सामना करके आगे बढ़ पाता है।
आज की हमारी यह कहानी भी एक ऐसी ही महिला की है, जिसने अपने जीवन में आ रही तमाम मुश्किलों का बहुत ही बहादुरी और धैर्य से सामना किया और आज एक सफल बिजनेसवुमन के तौर पर अपनी एक अलग पहचान बना चुकी है। ऐसे में आइए जानते हैं उस प्रेरणादायी महिला के बारे में-
कौन है वह महिला?
दरअसल यह कहानी है गुरमीत कौर (Gurmeet Kaur) की, जो छत्तीसगढ (Chhattisgarh) के कोरिया जिले के चिरमिरि क्षेत्र से ताल्लुक रखती हैं। एक बहुत ही साधारण परिवार से आने वाली गुरमीत वर्तमान में अपना ब्यूटी पार्लर चलाती हैं जिससे उन्हें लाखों रुपये की आमदनी होती है। हालांकि गुरमीत कम पढ़ी-लिखी नही हैं, उन्होंने अर्थशास्त्र से स्नातक और सोशल साइन्स से मास्टर की उपाधि ली हुई हैं।
ससुराल में करना पड़ा आर्थिक तंगी का सामना
हर लड़की का यह सपना होता है कि वह अपने ससुराल से एक सुखी और खुशहाल जीवन जीये, लेकिन हर किसी के नसीब में शायद ऐसी परिस्थिति नही होती है, गुरमीत के साथ भी कुछ ऐसा ही था। वर्ष 1988 में शादी होने के बाद वह अनूपपुर अपने ससुराल आ गई थीं। वहाँ उन्हें आर्थिक समस्याओं से गुजरना पड़ता था। वहीं जब उनके ससुर के गुजर जाने के बाद घर की आर्थिक स्थिति और भी अधिक दयनीय हो गई।
दरअसल, उनके ससुर आइस फैक्ट्री में कार्यरत थे, जिसमें केवल सीजन के अनुसार ही कमाई हो पाती थी। ऐसी स्थिति में घर-परिवार का भरण-पोषण करना बेहद ही कठिन कार्य था। इतना ही नहीं बल्कि जानकारी के अनुसार, गुरमीत के जीवन में एक समय तो ऐसा आया, जब उन्हें दो वक्त भोजन के भी लाले पड़े थे। उन्हें दो वक्त की रोटी मिलना भी काफी मुश्किल था। इसके अलावा जब गुरमीत (Gurmeet Kaur) दो बच्चों की मां बन गई थी, उस समय घर चलाना और भी अधिक मुश्किल हो गया था। ऐसे में अब आर्थिक स्थिति का सही होना बहुत जरुरी था।

रोजाना पैदल तय करती थीं 7 किमी का सफर
आर्थिक स्थिति सही नहीं होने की वजह से गुरमीत ने सरकार द्वारा चलाई गई योजना के द्वारा ही बच्चों को शिक्षित करने का कार्य शुरु कर दिया। इससे उन्हें महीने के 1 हजार रुपये की कमाई हो जाती थी। इस काम के लिए उन्हें प्रतिदिन 5 से 7 किलोमीटर का सफर पैदल ही तय करना पड़ता था। हालांकि, यह जरुरी नहीं है हमेशा समय एक जैसा ही रहे। गुरमीत के जीवन का समय भी स्थिर नहीं था, कुछ ही समय बाद उनकी ये नौकरी भी छूट गई। लेकिन जब हिम्मत कुछ कर गुजरने की हो तो नए दरवाजे खुल ही जाते हैं।
उधार लेकर शुरु किया बिजनेस
नौकरी छूटने के बाद गुरमीत के सामने कई सारी चुनौतियां आ खड़ी हुई, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और अपने हौसले से एक नई उड़ान भरी। उन्होंने ब्यूटी पार्लर (Beauty Parlour) का काम शुरु करने का निश्चय किया, जिसके लिए उन्होंने कुछ माह तक प्रशिक्षण भी लिया। गुरमीत ने किराए पर एक कमरा लिया और उसी में पार्लर का काम शुरु की। किसी भी व्यवसाय को शुरु करने के लिए पैसे की जरुरत होती है, ऐसे में गुरमीत ने भी 5 हजार रुपये उधार लेकर पार्लर का काम शुरु कर दिया।
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नहीं मानी हार और आगे बढ़ती रहीं
एक महिला के लिए कुछ भी करना सरल नहीं होता है, क्योंकि जब भी एक महिला आगे बढ़ना चाहती है लोग उसे पीछे धकेलते हैं। हालांकि, अब तो जमाना बदल रहा है और महिलाएं हर क्षेत्र में अपना दमखम दिखा रही हैं। गुरमीत के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ, उन्होंने जब पार्लर का काम शुरु किया तो धकियानूसी सोच रखने वाले लोगों ने ताने मारने शुरु कर दिए। लेकिन गुरमीत ने सभी के बातों को नजरअंदाज करके आगे बढ़ने का फैसला किया और अपने मार्ग पर अग्रसर रहीं। हालांकि, पहले उनका काम सिर्फ शादियों के सीजन में ही चलता था, लेकिन वह इस बिजनेस (Beauty Parlour Business) से अच्छी-खासी कमाई कर रही हैं।
सालाना होती है 15 लाख रुपये की आमदनी
50 वर्षीय गुरमीत (Gurmeet Kaur) लगातार 10 घंटे खड़े होकर काम करती हैं। आज वह Beauty Parlour चलाने के साथ ही अनेकों लड़कियों को इस कला के बारे में सिखाती भी हैं, इनके अलग अलग 4 बैच चलते हैं, जिसमें एक बैच में 14 से 15 लड़कियां हैं। बता दें कि इन लड़कियों का प्रशिक्षण 6 माह तक चलता है। गुरमीत के इस काम में उनकी बहू भी मदद करती हैं और वह अपनी बहू को बहू कम और बेटी ज्यादा मानती हैं। कहते हैं देनेवाला जब भी देता है छप्पर फाड़ के देता है। वर्तमान में गुरमीत को इस बिजनेस (ब्यूटी पार्लर) से सालाना 15 लाख रुपये की आमदनी होती है।
गुरमीत कौर ने जिस प्रकार बुरे वक्त में हार न मानकर आगे बढ़ने का फैसला किया, वह प्रेरणादायक है। आज वह एक सफल बिजनेसवुमन बनकर अनेकों महिलाओं के लिए प्रेरणा की मिसाल पेश की है।